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अंतिम नवीनीकृत: 26-अप्रैल-24

निदेशक बोर्ड

                                                                            बोर्ड स्तरीय समितियों की संरचना

बोर्ड स्तरीय समितियों के विचारार्थ विषय

 

 

श्री मनोज मित्तल

प्रबन्ध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी

श्री मनोज मित्तल, आयु लगभग 54 वर्ष, जिनका नीतिगत लीडरशिप, बहु-कार्यात्मक विशेषज्ञता, वित्तीय कौशल और संगठनात्मक प्रक्रियाओं के निर्माण / अनुकूलन के माध्यम से संगठनात्मक विकास और लाभप्रदता को बढ़ावा देने में 3 दशकों से अधिक का ट्रैक रिकार्ड है ।

उन्होंने जनवरी, 2016 से जनवरी, 2021 तक भारतीय लघु विकास बैंक में उप प्रबन्ध निदेशक के रूप में कार्य किया है । वे सिडबी वीजन 2.0 के विकास और इसे वित्तीय रूप से सुदृढ़ प्रभावी संस्थान के रूप में उभरने के लिए इसके सफल कार्यान्वयन में निकटता से शामिल थे।

उन्होंने 2010 में ए.पी. एमएफआई संकट के दौरान एमएफआई को बैंकों की बकाया राशि की पुनर्संरचना और उधार देने की पहल के कार्यान्वयन में सर्वथा उचित भूमिका निभाई । उन्हें बहुपक्षीय एजेंसियों/भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित विभिन्न स्थिर और विकासात्मक कार्यक्रमों के डिजाइन, प्रबंधन और प्रभावी मूल्यांकन का व्यापक अनुभव है। वह एमएसएमई / स्टार्टअप्स, वित्तीय मध्यस्थों - बैंकों/ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों/सूक्ष्म वित्त संस्थानों, वैकल्पिक निवेश कोषों को पूंजी (ऋण और इक्विटी) और विकास सहायता में विशेषज्ञता के साथ समग्र विकास के लिए क्रेडिट प्लस दृष्टिकोण के एक सुदृढ़ समर्थक हैं।

आईएफसीआई लि. के अतिरिक्त, श्री मनोज मित्तल स्टॉक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ इण्डिया लि., आईएफसीआई वेंचर कैपिटल फंड्स लि. और आईएफसीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट लि. के बोर्ड में निदेशक हैं । श्री मनोज मित्तल प्रबन्ध विकास संस्थान, गुड़गावं और भारतीय उद्यमीयता विकास संस्थान और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास निधि के गवर्नर बोर्ड में भी हैं ।

 

श्री राहुल भावे

उप प्रबंध निदेशक

 

श्री राहुल भावे एक वरिष्ठ बैंकर हैं जिनके पास विभिन्न पदों पर 24 वर्षों से अधिक का वाणिज्यिक बैंकिंग अनुभव है और उन्होंने देश भर में कार्य किया है। वे 2020 से राष्ट्रीय आवास बैंक में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने एचएफसीस के प्रभावी पर्यवेक्षण द्वारा जमीनी स्तर पर ऋण वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए पुनर्वित्त के माध्यम से देश में एक मजबूत आवास और आवास वित्त प्रणाली को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य किया है।

उन्हें वाणिज्यिक बैंक में विभिन्न ज़ोनस का नेतृत्व करने का अनुभव है। खुदरा परिचालन में विशेषज्ञता के अतिरिक्त, उनके पास पुनर्वित्त, पर्यवेक्षण, वसूली, जोखिम प्रबंधन और आईटी के क्षेत्रों में भी कार्य करने का अनुभव है।

उन्होंने बैंकिंग और जोखिम प्रबंधन में उभरती प्रौद्योगिकियों पर आरबीआई और आईबीए द्वारा स्थापित समितियों में भी काम किया है।

श्री भावे ने आईआईएम, अहमदाबाद से सार्वजनिक प्रबंधन और नीति में एमबीए और सांख्यिकी में स्नातकोत्तर किया है। उन्होने सीएआईआईबी भी किया हुआ है।

आईएफसीआई लि. के अतिरिक्त, श्री राहुल भावे स्टॉक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ इण्डिया लि., आईएफसीआई वेंचर कैपिटल फंड्स लि., आईएफसीआई फैक्टर्स लि. और आईएफसीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट लि. के बोर्ड में निदेशक हैं । श्री राहुल भावे इंस्टिट्यूट ऑफ़ लीडरशिप डेवेलपमेंट के गवर्नर बोर्ड में भी हैं ।

 

श्री जीतेन्द्र असाती

सरकारी निदेशक

 

वित्तीय सेवाए विभाग के निदेशक, भारतीय आर्थिक सेवा के अखिल भारतीय टॉपर श्री जितेंद्र असाती, जनवरी 2010 में एक अर्थशास्त्री नौकरशाह के रूप में सरकार में शामिल हुए। इन प्रारंभिक वर्षों के दौरान, उन्होंने भारत के वित्त मंत्रालय के साथ इंडिया मिशन वाशिंगटन डीसी में और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में विभिन्न भूमिकाओं में विशिष्टता के साथ कार्य किया है। सरकार में शामिल होने से पहले, श्री असाती ने आरबीआई में ग्रेड बी अधिकारी के रूप में कार्य किया।

श्री असाती ने वित्त मंत्रालय में सहायक निदेशक के रूप में अमिट छाप छोड़ी, जहां उन्होंने वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद, एकस्टरनल मार्केट्स और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के डेस्क को संभाला। उन्होंने बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति को आकार देने और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत निवेश नियमों का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वाशिंगटन डीसी में, श्री असाती ने आर्थिक, व्यापार और निवेश संबंधों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में, उन्होंने मूल्य निर्धारण सुधार, सब्सिडी युक्तिकरण और प्रासिंग सुधारों वृद्धि से संबंधित तेल और गैस क्षेत्र में कई अग्रणी सुधारों के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।

श्री असाती को अकादमिक अध्ययन के दौरान स्वर्ण पदक और उत्कृष्टता प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से एम.फिल और ऑल इंडिया जूनियर रिसर्च फेलोशिप प्राप्त की है। उन्होंने आर्थिक सुधार और सुशासन, तेल की कीमत में अस्थिरता, टिकाऊ ऊर्जा और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग सहित कई विषयों पर प्रमुख पत्रिकाओं और प्रमुख आर्थिक दैनिकों में अनेक लेख लिखे हैं।

आईएफसीआई लिमिटेड के अतिरिक्त श्री असाती द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के बोर्ड में भी हैं।

 

श्री सुरजीत कार्तिकेयन

सरकारी निदेशक

 

श्री सुरजीत कार्तिकेयन, निदेशक, वित्तीय सेवाए विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय आर्थिक सेवाओं (2010 बैच) के अधिकारी हैं।

श्री कार्तिकेयन ने सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर, केरल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के साथ राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) की डिग्री प्राप्त की है।

इससे पूर्व, उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) विंग में काम किया था। श्री कार्तिकेयन ने अक्टूबर 2018 से मार्च 2021 के दौरान जी20 देशों के वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) कार्य समूह में भारत का प्रतिनिधित्व किया और वे आंतरिक रूप से एफएसडीसी के विभिन्न अंतर-नियामक समूहों में शामिल थे। श्री कार्तिकेयन को सीईआरटी-फाइनेंस आर्किटेक्चर में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत में कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) के महानिदेशक से प्रशंसा पत्र भी मिला।

श्री कार्तिकेयन ने कई पुस्तकें लिखी हैं और विभिन्न विषयों पर प्रमुख आर्थिक दैनिक समाचार पत्रों/पत्रिकाओं में कई लेख लिखे हैं।

 

 

प्रो. एन. बालाकृष्णन्

गैर - कार्यकारी निदेशक

प्रौफेसर एन. बालाकृष्णन् ने मद्रास विश्वविद्यालय से इलैक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन में बी.ई.(आनर्स) तथा 1979 में भारतीय विज्ञान संस्थान से पीएच.डी की। फिर उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ एरोस्पेस इंजीनियरिंग में सहायक प्रौफेसर के रूप में कार्य-ग्रहण किया । जुलाई 2015 तक वे डिपार्टमेंट ऑफ एरोस्पेस इंजीनियरिंग तथा सुपरकम्प्यूटर एड्यूकेशन एण्ड रिसर्च सेन्टर में प्रौफेसर रहे । इसके पश्चात् वे जुलाई, 2020 तक सुपरकम्प्यूटर एड्यूकेशन एण्ड रिसर्च सेन्टर, इण्डियन इन्स्टिट्यूट ऑफ साइंस में मानद प्रौफेसर रहे और इस समय वे इण्डियन इन्स्टिट्यूट ऑफ साइंस में आईएनएसए के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं । सितम्बर, 2005 से मार्च, 2014 के दौरान वह इण्डियन इन्स्टिट्यूट ऑफ साइंस असोसिएट डायरेक्टर, 1999-2005 के दौरान सूचना विज्ञान प्रभाग में अध्यक्ष, 1994 से 2000 तक सुपरकम्प्यूटर एड्यूकेशन एण्ड रिसर्च सेन्टर के अध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं ।

उनके अनुसंधान के क्षेत्र जहां अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में उनके कई प्रकाशन हैं, उनमें न्यूमेरिकल इलेक्ट्रोमैग्नेटिक्स, हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग और नेटवर्क, पोलारिमेट्रिक रडार, एयरोस्पेस इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, सूचना सुरक्षा कॉम्प्लेक्स सोशल नेटवर्क और डिजिटल लाइब्रेरी शामिल हैं।

वह वर्तमान में कतर में कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय के संयुक्त सलाहकार बोर्ड के सदस्य और आईआईटी खड़गपुर और आईआईआईटीएमके, केरल के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य और इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी, बीजिंग, चीन के लिए अंतर्राष्ट्रीय ज्ञान केंद्र की सलाहकार समिति के सदस्य हैं।

वह इससे पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य और आईआईटी दिल्ली और आईआईटी मद्रास के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, सीडीएसी की परिषद के सदस्य, भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता की परिषद के सदस्य और कैबिनेट की एसएसी के सदस्य और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और चेन्नई में सीडीओटी-अल्काटेल रिसर्च सेंटर के निदेशक थे । वह भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), बीएसएनएल के निदेशकों में से एक थे और वह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के अंशकालिक सदस्य भी थे।

ईएफसीआई लि. के अतिरिक्त, प्रौफेसर एन. बालाकृष्णन् भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान केरल और इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड के बोर्ड में निदेशक हैं ।

 

 

प्रो. अरविन्द सहाय

गैर - कार्यकारी निदेशक

प्रोफेसर अरविंद सहाय ने अक्टूबर 2023 में प्रबंधन विकास संस्थान (एमडीआई), गुड़गांव में विपणन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के निदेशक और प्रोफेसर के रूप में कार्यभार संभाला। एमडीआई से पहले उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद में विपणन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रोफेसर और पूर्व-डीन (एल्युमनी एण्ड एक्सटर्नल रिलेशन्स) के रूप में कार्य किया है। । वह टेक्सास विश्वविद्यालय ऑस्टिन से पीएच.डी. हैं और उन्होने आईआईटी कानपुर से बी.टेक किया है। उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से बिजनेस में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा भी किया है।

प्रो. सहाय ने 50 से अधिक विषयों पर लेखन किया है जो प्रतिष्ठित अन्तरराष्ट्रीय पत्रिकाओं जैसे जर्नल ऑफ मार्किटिंग, जर्नल ऑफ प्रॉडक्ट इनोवेशन मेनेजमेंट, जर्नल ऑफ इन्टरनेशनल बिजनेस स्टडीज, स्लोन मेनेजमेंट रिव्यू, विकल्प, दि जर्नल ऑफ एकेडमी ऑफ मार्किटिंग साइंस एण्ड जर्नल ऑफ इण्डियन बिजनेस रिसर्च में प्रकाशित हुए हैं । दि जर्नल ऑफ एकेडमी ऑफ मार्किटिंग साइंस पर उनका लेख मार्किटंग विषय पर सर्वाधिक उल्लेखनीय लेखों में से एक है । वह आऊटलुक बिजनेस पत्रिका में मार्किटिंग स्ट्रेटजी पर लिखने वाले नियमित स्तम्भ लेखक रहे हैं और उन्होंने अर्थव्यवस्था व कारोबार पर प्रतिष्ठित भारतीय कारोबारी समाचार-पत्र, फाइनेंशियल एक्सप्रैस के लिए लेख भी लिखे हैं । उन्होंने मार्किटिंग स्ट्रेटजी पर केसिज इन प्राइजिंग, मार्किटिंग कम्युनिकेशन्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूशन नामक एक केस बुक भी लिखी है ।

प्रोफेसर सहाय ने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सॉस, ऑस्टिन से यूनविर्सिटी वाइड आउटस्टेंडिंग डिसॅटेशॅन (शोध प्रबन्ध) अवार्ड (पीएचडी शोध प्रबन्ध के लिए), लंदन बिजनेस स्कूल से इनोवेशन इन टीचिंग अवार्ड तथा मार्किटिंग मेनेजमेंट में देवांग मेहता बेस्ट टीचर अवार्ड तथा यूटीवी ब्लूमबर्ग से भारत के बैस्ट मार्किटिंग प्रोफेसर का अवार्ड प्राप्त किया है । वह हारवर्ड बिजनेस स्कूल द्वारा इन्स्टीट्यूट ऑफ कम्पेटेटिवनैस लिस्ट, थिंकर्स50 इण्डिया की सूची में भी नामित किए गए थे ।

प्रोफेसर सहाय ईएडीए (स्पेन), कालेज ऑफ विलियम एण्ड मैरी (यूएसए) के मेसोन स्कूल, आस्टिन (यूएसए), यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास, आईआईएम, लखनऊ, एशियन इन्स्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी (वियतनाम), गार्डन इन्स्टीट्यूट ऑफ बिजनेस साईंस, यूनिवर्सिटी ऑफ प्रिटोरिया (साऊथ अफ्रीका) एसपी जैन इन्स्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेंट रिसर्च (सिंगापुर, दुबई), रिटेल एलायंस (दुबई) तथा इण्डियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद के अतिथि प्रोफेसर रहे हैं ।

आईएफसीआई के अतिरिक्त, प्रोफेसर सहाय ब्रांडस्केप्स कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड, एचआईएल लिमिटेड, मैटर मोटर वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड, भारत इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज आईएफएससी लिमिटेड और वीडीएनए इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में भी हैं।

प्रोफेसर अरविंद सहाय अक्टूबर 2023 में प्रबंधन विकास संस्थान (एमडीआई), गुड़गांव में विपणन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के निदेशक और प्रोफेसर के रूप में कार्यभार संभाला। एमडीआई से पहले उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद में विपणन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रोफेसर और पूर्व-डीन (एल्युमनी एण्ड एक्सटर्नल रिलेशन्स) के रूप में कार्य किया है। । वह टेक्सास विश्वविद्यालय ऑस्टिन से पीएच.डी. हैं और उन्होने आईआईटी कानपुर से बी.टेक किया है। उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से बिजनेस में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा भी किया है।

 

 

श्री सुरेंद्र बेहरा

गैर - कार्यकारी निदेशक

श्री सुरेंद्र बेहरा ने उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर से अर्थशास्त्र में स्नातक और कार्मिक प्रबंधन और श्रम और समाज कल्याण में स्नातकोत्तर किया। उन्हें 1986 में भारतीय जीवन बीमा निगम में एएओ (14वें बैच) के कैडर में अधिकारी वर्ग में सीधे ही नियुक्त किया गया था। वह तब से एलआईसी ऑफ इंडिया से जुड़े हुए हैं और 2019 में कार्यकारी निदेशक बन गए ।

उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम में शाखा, प्रभाग, आंचलिक और केंद्रीय कार्यालयों के विपणन विभाग के प्रमुख के रूप में भी कार्य किया है। एक विपणन विशेषज्ञ होने के अतिरिक्त, उनका डिवीजन और जोनल स्तरों पर कार्मिक और कानूनी विभागों के प्रमुख के रूप में एक शानदार करियर था।

वह पूर्व मध्य क्षेत्र के अंतर्गत भारतीय जीवन बीमा निगम के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र के भूतपूर्व प्रभारी हैं।

 

श्री अरविंद कुमार जैन

गैर - कार्यकारी निदेशक

श्री अरविंद कुमार जैन एमएससी (सांख्यिकी) में स्वर्ण पदक विजेता और विधि स्नातक हैं।

वह पंजाब एंड सिंध बैंक के पूर्व-ईडी हैं और उन्हें ट्रेजरी कॉरपोरेट क्रेडिट, इंटरनेशनल बैंकिंग, इक्विटी और डेट कैपिटल जुटाने, अनुपालन और जोखिम प्रबंधन में विशेषज्ञता के साथ लगभग 40 वर्षों का समृद्ध बैंकिंग अनुभव है। बैंकिंग में, उनका करियर काफी उज्ज्वल रहा और उन्होंने बैंक के प्रधान कार्यालय में काम करने के अलावा शाखाओं / नियंत्रण कार्यालयों का नेतृत्व किया है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के मुख्य महाप्रबंधक के रूप में, उन्होंने बड़े कॉर्पोरेट क्रेडिट विभाग का नेतृत्व किया और एक महाप्रबंधक के रूप में, उन्होंने एकीकृत ट्रेजरी, अंतर्राष्ट्रीय डिवीजन, मिड कॉरपोरेट क्रेडिट, मर्चेंट बैंकिंग डिवीजन, निवेशक संबंध आदि का नेतृत्व किया।

वह पीएनबी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज लिमिटेड, नवसमृद्धि फाइनेंस लिमिटेड, आईएफसीआई वेंचर कैपिटल फंड्स लिमिटेड, पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, सिडबी वेंचर कैपिटल लिमिटेड, बैंक ऑफ इंडिया ट्रस्टी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के बोर्ड में भी हैं।

 

 

श्री उमेश कुमार गर्ग

स्वतंत्र निदेशक

श्री उमेश कुमार गर्ग पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। श्री गर्ग आगरा विश्वविद्यालय से वाणिज्य और विधि स्नातक हैं। उन्होंने द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) से सूचना प्रणाली लेखापरीक्षा (डीआईएसए) में अपना डिप्लोमा भी पूर्ण किया है।

वह उमेश अमिता एंड कंपनी नाम की फर्म में एक वरिष्ठ भागीदार हैं। वह वर्तमान में इनक्रेडिबल इंश्योरेंस सर्वेयर एंड लॉस असेसर्स प्राइवेट लिमिटेड और हरकिरण प्रोफेशनल कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में हैं। उन्हें कॉर्पोरेट कानून, वित्त, बीमा प्रबंधन, परियोजना प्रबंधन और कराधान (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) के क्षेत्र में लगभग 32 वर्षों का अनुभव है।

वह द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई), इंस्टीट्यूट ऑफ वैल्यूअर्स, इंस्टीट्यूट ऑफ इंश्योरेंस सर्वेयर एंड लॉस एडजस्टर्स और इंडियन काउंसिल ऑफ आर्बिट्रेशन के फेलो सदस्य हैं।

वह वर्ष 2015-16 के लिए द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के मध्य भारत क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष और वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 के लिए कार्यकारी सदस्य भी रहे हैं।