-A A +A
अंतिम नवीनीकृत: 26-अप्रैल-24

अब तक का इतिहास

आईएफसीआईः 70 वर्षों का इतिहास

 

वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के समय, भारतीय पूंजी बाजार अपेक्षाकृत कम विकसित था । पूंजी की मांग तीव्र गति से बढ़ रही थी, तथापि पूंजी प्रदान करने वालों की कमी थी । उस समय के वाणिज्यिक बैंक दीर्घावधि पूंजी आवश्यकताओं को पर्याप्त रूप से पूरा करने में सक्षम नहीं थे । अर्थव्यवस्था की पूंजी आवश्यकताओं की इस कमी और मांग-आपूर्ति के अन्तराल को भरने के लिए भारत सरकार ने आईएफसी अधिनियम, 1948 के द्वारा 1 जुलाई, 1948 को दि इण्डस्ट्रियल फाइनेंस कारपोरेशन ऑफ इण्डिया (आईएफसीआई) की स्थापना की ।

आईएफसीआई भारत का प्रथम विकास वित्तीय संस्थान था जो अवस्थापना और उद्योग के विकास की मार्फत आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया था । तब से आईएफसीआई ने वृद्धि व विकास के विभिन्न क्षेत्रों अर्थात् विनिर्माण, अवस्थापना और सेवाएं व कृषि से सम्बन्धित क्षेत्रों में निरन्तर सहयोग के द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया है । वर्ष 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण ने भारतीय पूंजी बाजारों व वित्तीय प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए । पूंजी बाजारों की मार्फत सीधे ही निधियां जुटाने में सहयता देने के लिए आईएफसीआई को सांविधिक निगम से परिवर्तित करके भारतीय कम्पनी अधिनियम, 1956 के अधीन एक कम्पनी बनाया गया । इसके परिणामस्वरूप, कम्पनी का नाम अक्तूबर, 1999 से "आईएफसीआई लिमिटेड" किया गया ।

इसकी स्थापना से, आईएफसीआई सभी कारोबार आर्थिक चक्रों का साक्षी रहा तथा इनका सुदृढ़ता से सामना किया । आईएफसीआई विशेष रूप से भारत सरकार और अपने सभी जोखिमधारकों के निरन्तर समर्थन व सहयोग से वित्तीय स्थिति को बनाए रखने में सफल रहा । औद्योगिक व अवस्थापना क्षेत्रों को दीर्घावधि ऋण देने की अपनी मूलभूत विशेषता के अतिरिक्त, आईएफसीआई ने सलाहकारी सेवाएं प्रदान करने में भी क्षमता विकासित की है और भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे चीनी विकास निधि, एम-सिप्स, उत्पादन सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, इलेक्ट्रोनिक कम्पोनेंट्स तथा सेमीकंडक्टर्स (स्पेक्स) के लिए नोडल एजेंसी भी है । इसके अतिरिक्त, आईएफसीआई मूलभूत व गैर-मूलभूत परिसम्पत्तियों एवं निवेशों में सुधार के द्वारा अपने संगठनात्मक मूल्य में भी वृद्धि कर रहा है । इन वर्षों के दौरान आईएफसीआई ने विभिन्न संस्थानों (अपनी कुछ सहयोग व सहयोगी कम्पनियों सहित) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो आज अपने-अपने क्षेत्रों में अग्रणी हैं जिनमें से कुछ स्टॉक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ इण्डिया लि. (एसएचसीआईएल), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज लि. (एनएसई), एलआईसी हाऊसिंग फाइनेंस लि., टूरिज्म फाइनेंस कारपोरेशन ऑफ इण्डिया लि. (टीएफसीआई), इकरा लि. हैं । समय के साथ बाजारों में हुए परिवर्तनों से कुछ सहायक कम्पनियों का विनिवेश किया गया और इस समय आईएफसीआई समूह में निम्नलिखित सहायक कम्पनियां हैं -

  1. स्टॉक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ इण्डिया लि.
  2. आईएफसीआई वेंचर कैपिटल फंड्स लि.
  3. आईएफसीआई फैक्टर्स लि.
  4. आईएफसीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट लि.
  5. आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसिज लि.
  6. एमपीकॉन

उक्त सहायक कम्पनियों के अतिरिक्त, आईएफसीआई ने अपने सामाजिक क्षेत्र के प्रयासों के अधीन निम्नलिखित संस्थाओं की भी स्थापना की हैः

  1. प्रबन्ध विकास संस्थान
  2. इन्स्टिट्यूट ऑफ लीडरशिप डिवलेपमेंट
  3. राष्ट्रीय ग्रामीण विकास निधि